स्व-व्यवसाय से कैसे आर्थिक समृद्धि हासिल की जा सकती है यह साबित किया है, जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम झर्रा निवासी गिरिजानंद चन्द्रा ने। सरकार की ओर से मिली मदद और खुद की लगन से श्री चंद्रा की पोल्ट्री फार्म और मछली पालन के व्यवसाय से उनकी आज अच्छी-खासी आमदनी हो रही है। उनसे प्रेरणा पाकर क्षेत्र के युवा आज इस काम को अपना रहे है। श्री चंद्रा ने बताया कि वे खुद के 50 डिसमिल कृषि भूमि पर एक हजार चूजा पालन कर पोल्ट्री फार्म का कार्य प्रारंभ किया। पशुधन विकास विभाग की ओर से मिली अनुदान योजना का लाभ लेकर उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार किया। आज उनके पोल्ट्री फार्म में लगभग 10 हजार चूजा का पालन हो रहा है।
उन्होंने बताया कि आज उन्हें इस व्यवसाय से तकरीबन 4 लाख रूपए की आमदनी प्रतिवर्ष हो रही है। श्री चंद्रा ने बताया कि वे पोल्ट्री फार्म के अलावा उससे लगी 4 डिसमिल जमीन पर मत्स्य पालन भी कर रहे हैं। इससे प्रतिवर्ष उन्हें करीब 70 हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। गिरिजानंद के इस व्यवसाय से ग्राम के बेरोजगार युवकों को फार्म में रोजगार भी मिल रहा है।
श्री गिरिजानन्द की इस सफलता से प्रभावित होकर अन्य लोग भी पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय से जुड़े रहे है। गांव में मुर्गी पालन करने वाले परिवारों की संख्या बढ़ी है। राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारों को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए आर्थिक मदद के अलावा मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज के युवा आत्मनिर्भरता की राह पकड़ रहे हैं। सरकार के द्वारा नाबार्ड डेयरी एवं पोल्ट्री उद्यमिता योजना के तहत पोल्ट्री फार्म, बकरी पालन, मछली पालन जैसे व्यवसाय के विस्तार के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। पात्र किसान इन योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। इससे हितग्राहियों के परिवारों में खुशी का माहौल है।