खरीफ फसलों की बुआई को लेकर किसान भाईयों को कृषि विभाग द्वारा फसलों की कतार एवं छिड़का बोनी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। धान का थरहा डालने या बुआई से पूर्व स्वयं उत्पादित बीजों को 17 प्रतिशत नमक घोल में उचारित करने को कहा गया है। धान की कतार बोनी करते वक्त प्रति हेक्टेयर के मान से 80 से 90 किलो बीज का उपयोग करना तथा कतार के कतार के बीच 20 सेंटीमीटर की दूरी रखने की सलाह दी गई है। छिड़का बोनी में प्रति हेक्टेयर के मान से 100 से 120 किलो बीज एजोस्पाइरिलम तथा पीएसबी कल्चर 5 से 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित कर बोनी की सलाह दी गई है।
किसान भाईयों को शीघ्र एवं मध्यम अवधि वाली धान के किस्मों की कतार बोनी करने को कहा गया है। कतार बोनी करने से बियासी करने की जरूरत नहीं पड़ती है एवं धान की फसल निर्धारित समय से 10 से 15 दिन पूर्व ही पक जाती है। धान की रोपाई वाले कुल क्षेत्रों के लगभग 10वें हिस्से में नर्सरी तैयार करने तथा मोटा धान वाले किस्मों की मात्रा 50 किलो प्रति हेक्टेयर एवं पतला धान के किस्मों की मात्रा 40 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से बीज डालने की समझाईश दी गई है।
इसी तरह अरहर की शीघ्र पकने वाली किस्मों की कतार बुआई करते समय कतारों के बीच 7 सेंटीमीटर एवं पौधों की दूरी 15 सेंटीमीटर रखने तथा मध्यम अवधि वाली अरहर की फसल की बोनी में कतार से कतार की बीच की दूरी 90 सेंटीमीटर तथा पौधों से पौधों की दूरी 20 सेंटीमीटर रखने को कहा गया है। सोयाबीन एवं दलहनी फसलों की बीजों की राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम तथा पीएसबी कल्चर 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचार कर बुआई की जानी चाहिए। मक्का की कतार बुआई करते समय कतार से कतार की दूरी 60-75 सेंटीमीटर तथा पौध से पौध की दूरी 20-25 सेंटीमीटर रखना चाहिए। किसान भाईयों बारिश को ध्यान में रखते हुए साग-सब्जी वाले खेतों से जल निकासी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।