बुरहानपुर केला ना सिर्फ अन्य प्रदेशों में बल्कि विदेशों में भी भेजा जाता है। ”एक जिला-एक उत्पाद” अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा केला फसल की दूर-दूर तक प्रशंसा पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किये जा रहे है। जहां एक ओर शहर की मुख्य दीवारों को केला फसल के चित्रों से सजाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर केला फल के साथ-साथ केला पौधें के अन्य हिस्सों जिसमें खोड़, पत्ते, तनों, रेशों के द्वारा भी तरह-तरह के उत्पाद तैयार किये जा रहे है। जैसें-चटाई, टोकरी, पायदान, घरेलू सजावटी वस्तुएँ इत्यादि।
मंगलम कल्पतरू इन्डस्ट्रीज एल.एल.पी. के संचालक मेहूल श्रॉफ ने बताया कि किस प्रकार वे केले के खोड़ का उपयोग कर उससे रेशा निकालकर उसका उपयोग अन्य उत्पादों के निर्माण में कर रहे है। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम खेतों से केला फल तोडऩे के उपरांत तनों का कोई उपयोग नहीं किया जाता है। हमारे द्वारा सबसे पहले काटे गये खोड़ को फैक्ट्री में लाया जाता है। जिसके बाद उसे कटर मशीन के माध्यम से काटा जाता है, एवं सीट्स निकाले जाते है। उन सीट्स को मशीनों में प्रोसेस कर उनसे फाइबर तैयार किया जाता है। इससे हमें लोंग फाइबर प्राप्त होता है। इन फाइबर को सुखाने के बाद प्रोसेस करने पर जो फाइबर प्राप्त होता है उसे उत्पादों को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है।