कीवी स्वादिष्ट व पौष्टिकता से भरपूर फल है। इसमें विटामिन बी, फास्फोरस, पौटिशयम व कैल्सियम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। माना जाता है कि यह फल डेंगू बुखार में बहुत फायदेमंद है। तो आइए जानते हैं कीवी की खेती के बारे में…

जलवायु
कीवी के पौधों के लिए मध्यवर्ती क्षेत्रों में समुद्र तल से 600 से 1500 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्र अनुकूल होते हैं। लेकिन इसमें पाले का प्रकोप प्रतिकूल होता है, इसलिए इसकी बागवानी ऐसे क्षेत्रों में नहीं की जा सकती है। इसलिए गर्मियों में जहां 35 डिग्री से कम तापमान रहता हो और तेज हवाएं चलती हो, ऐसे क्षेत्र कीवी के लिए उपयुक्त है।

मिट्टी
कीवी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है। कीवी फल पौधों के लिए 6.5 पी.एच. के आस पास की भूमि उपयुक्त रहती है। जो न तो अम्लीय है और न क्षारीय। इसलिए ऐसी मिट्टी का चयन कर इसकी खेती करें।

सिंचाई
पौधों को भरे हुए गड्ढों के मध्य में लगायें तथा उनके बाद तुरंत सिंचाई कर दें। मई-जून और सितम्बर-अक्टूबर में सिंचाई का पूरा प्रबन्ध आवशयक है। इस समय सिंचाई में अनियमित वृद्वि तथा उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

खाद
कीवी का सही उत्पादन तभी संभव होगा, जब इसमें पौधों की वृद्धि के समय उर्वरकों का सही प्रयोग किया जाए। इसलिए निर्देशों के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए।

किस्में
कीवी की दो किस्में प्रमुख है- नर और मादा। इसके प्रवर्धन के लिए बीजू पौधे को प्रयोग में लाया जाता है।