किसान खुद ही जांच सकते हैं उर्वरकों की गुणवत्ता
किसान खुद ही जांच सकते हैं उर्वरकों की गुणवत्ता

उर्वरकों का समन्वित उपयोग कैसे करें…

खरीफ  मौसम समाप्ति की और है एवं आगामी दिनों में रबी की तैयारी किया जाना है, फसल उत्पादन में उर्वरकों के समन्वित उपयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि उत्पादन लागत को कम किया जा सके तथा मुदा उर्वरता भी प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। रबी फसलो हेतु प्रति हेक्टेयर अनुशंसित पोषक तत्वों (नत्रजन (एन) फास्फोरस (पी) पोटाश (क) को विभिन्न उर्वरक विकल्पों में वर्गीकृत किया गया है । किसान भाईयो से अनुरोध है कि अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी अथवा नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड अनुसार आवश्यक उर्वरक मात्रा की जानकारी प्राप्त कर उर्वरक विकल्पों का चुनाव परिस्थिति अनुसार करें अनुशंसित उर्वरक मात्रा सांकेतिक रूप से सुविधा में गेहूं फसल में सामान्यत: एक हेक्टेयर हेतु (120:60:40) नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश की आवश्यकता होती है इस के लिए प्रथम विकल्प यूरिया चार बैग 30 किग्रा., डी.ए.पी. दो बैग 30 कि.ग्रा. तथा पोटाश एक बैग, 17 कि.ग्रा., द्वितीय विकल्प यूरिया पांच बैग 35 कि.ग्रा., सिंगल सुपर फॉस्फेट सात बैग 25 कि.ग्रा. पोटाश एक बैग 17 कि.ग्रा., गेहूं हेतु तृतीय विकल्प के रूप में यूरिया पाच बैग 16 कि.ग्रा. एन.पी.के. (1232:16) तीन बैग 30  कि.ग्रा. पोटाश 17 कि.ग्रा., चना हेतु सामान्यत: (20 कि.ग्रा. नत्रजन 60 कि.ग्रा. फास्फोरस) की आवश्यकता होती है, इस हेतु प्रथम विकल्प डी.ए.पी., दो बैग 30 कि.ग्रा. द्वितीय विकल्प के रूप में यूरिया एक बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट (एस.एस.पी.) सात बैग 25 कि.ग्रा. तथा तृतीय विकल्प के रूप में एन.पी.के. ( 12:32:16) तीन बैग 20 कि0ग्रा0 चने की फसल में उपयोग किया जा सकता है।

सरसों की फसल में (60 कि.ग्रा. नत्रजन 30 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 20 कि.. पोटाश) एक हेक्टेयर हेतु संतुलित मात्रा की आवश्यकता होती है, इस फसल हेतु प्रथम प्रथम विकल्प के रूप में यूरिया दो बैग 15 कि.ग्रा. डी.ए.पी. एक बग 15 कि.ग्रा. तथा पोटाश 23 कि.ग्रा. आवश्यकता से उपयोग किया जा सकता है। द्वितीय विकल्प के रूप यूरिया दो बैग 40 कि.ग्रा., सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.) तीन बैग 38 कि.ग्रा. पोटाश 33 कि.ग्रा. संतुलित रूप से उपयोग किया जा सकता है। सरसो हेतु तृतीय विकल्प के रूप यूरिया दो बैग 15 कि.ग्रा. एन.पी.के. (12:32:16) एक बैग 44 किग्रा. तथा पोटाश 08 कि.ग्रा. उपयोग किया जा सकता है। मसूर के फसल हेतु ( 25 कि.ग्रा. नत्रजन 50 कि.ग्रा. फास्फोरस) की आवश्यकता होती है, इस फसल में संतुलित उर्वरक के रूप में प्रथम विकल्प, यूरिया 12 कि.ग्रा. एवं डी.ए.पी. दो बैग 09 कि.ग्रा., द्वितीय विकल्प में यूरिया एक बैग 09 कि.ग्रा. तथा सिंगल सुपर फॉस्फेट (एस.एस.पी.) छ: बैग 13 कि.ग्रा. तृतीय विकल्प में यूरिया एक बैग 5 कि.ग्रा. तथा एन.पी.के. (12:32-16) दो बैग 25 कि.ग्रा. की उपयोग किया जा सकता है।

किसान खुद ही जांच सकते हैं उर्वरकों की गुणवत्ता… सीएफसीएल ने बताया आसान तरीका

किसान अब सहजता से रसायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता का परीक्षण खुद कर सकते हैं। भारत सरकार के सेन्ट्रल फॅर्टिलाईजर क्वालिटी कन्ट्रोल एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट फरीदाबाद द्वारा रसायनिक उर्वरकों में मिलावट की जांच के लिए बहुत ही आसान तरीका बताया गया है। जिसके जरिए कृषक रसायिनक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच त्वरित रूप से कर सकते हैं।

रसायनिक उर्वरक यूरिया में साधारण नमक, प्यरेट ऑफ पोटाश, एसएसपी, रॉक फास्फेट, चिकनी मिट्टी आदि की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसी तरह डीएपी में क्ले मिट्टी जिप्सम की गोलियां, एसएसपी, एमओपी उर्वरकों में बालू एवं साधारण नमक, उर्वरक एनपीके में एसएसपी, रॉक फॉस्फेट, एनपीके मिश्रण, जिंक सल्फेट में मैगनिश्यिम सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट एवं फेरस सल्फेट उर्वरक में बालू व साधारण नमक की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसकी जांच कृषकगण सीएफसीएल द्वारा विकसित विधि से स्वयं कर सकते है।

उप संचालक कृषि रायपुर ने बताया कि शुद्ध यूरिया चमकदार, लगभग समान आकार के दाने वाला, पानी में पूर्णत: घुलनशील होता है। शुद्ध यूरिया को पानी घोलकर छूने पर ठंडेपन का एहसास होता है। गर्म तवे पर रखने पर शुद्ध यूरिया पूरी तरह पिघल जाता है और ऑच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता। इसकी शुद्धता के परीक्षण का सबसे आसान तरीका यह है कि थोड़ा सा पानी हथेली पर ले, दो मिनट बाद जब हथेली और पानी का तापमान एक समान हो जाए तो उसमें 10-15 दाने यूरिया के डाले। शुद्ध यूरिया पानी में पूरी तरह घुलकर हथेली को ठण्डक प्रदान करेगा। यदि ठण्डक महसूस न हो तो यूरिया मिलावटी है। यूरिया के परीक्षण का दूसरा तरीका यह है कि एक चम्मच यूरिया घोल में आधा मिलीलीटर बेरियम क्लोराईड मिलाने पर शुद्ध यूरिया का घोल स्वच्छ होगा। यदि सफेद अवक्षेप मिलता है तो यूरिया मिलावटी है।

इसी तरह शुद्ध डी.ए.पी. के दानों का आकार एकदम गोल नहीं होता, डी.ए.पी. के दानों को गर्म करने या जलाने पर दाने खुलकर साबुनदाने की भांति लगभग दोगुने आकार के हो जाए तो वह शुद्ध होगा। डी.ए.पी. के दानों को लेकर फर्श पर रखें फिर जूते से ताकत से रगड़े शुद्ध डी.ए.पी. के दाने आसानी से नहीं फूटेंगे। यदि दाने आसानी से टूट जाए तो डी.ए.पी. में मिलावट है। डी.ए.पी. में नाइट्रोजन की जांच के लिए एक ग्राम पीसे हुए डी.ए.पी. चूर्ण में चूना मिलाकर सूंघने पर अमोनिया की गंध आए तो उसमें नाइट्रोजन विद्यमान है। यदि अमोनिया की गंध महसूस न हो तो डी.ए.पी. मिलावटी है।

इसी तरह सिंगल सुपर फास्फेट के शुद्धता की जांच के लिए उसके एक दाने को हथेली पर रगडऩे से टूट जाए तो वह शुद्ध है। शुद्ध जिंक सल्फेट पानी में घुलनशील होता है, लेकिन इसका घोल यूरिया, पोटाश के घोल की तरह ठण्डा नहीं होता तो वह शुद्ध है। डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है