मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राज्य शासन ने किसान हित में बड़ा फैसला लिया है, इसके तहत अब किसान अपनी भूमि पर उगाई गई फसलों की जानकारी स्वतरू राजस्व विभाग के एमपी किसान एप, लोक सेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाईन, नागरिक सुविधा केन्द्र के माध्यम से भू-अभिलेख में दर्ज करा सकेंगे।
आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार स्वघोषणा के माध्यम से किसान द्वारा दर्ज कराई गई जानकारी का सत्यापन राजस्व अमले द्वारा किया जायेगा। दरअसल फसल गिरदावरी किसानों द्वारा उगाई गई फसलों को अभिलेखों में दर्ज करने की प्रक्रिया है। इसकी जानकारी के आधार पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार नीतियां एवं योजनायें तैयार करती हैं। इसके अलावा राजस्व अभिलेख में दर्ज विवरण गिरदावरी किसानों के व्यापक हित में है। किसानों को फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल ऋण व कृषि के लिए अन्य ऋण सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत कृषि उपज की भावान्तर योजना जैसी मूल्य समर्थित सेवाओं व योजनाओं के तहत लाभ प्राप्ति हेतु गिरदावरी जरूरी है।
इसके अलावा आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत फसल हानि की स्थिति में राहत प्राप्त करने के लिए कृषि, बागवानी, रेशम आदि विभागों की योजनाओं के लाभ प्राप्ति के लिए फसल गिरदावरी के आंकड़े अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।