यह कहानी है मनरेगा द्वारा 14 जनवरी से प्रारंभ हुए गुलियाबाई एवं ननकीराम के खेत के पास 9 लाख 70 हजार रूपए की लागत से बने  तालाब की। ग्राम पंचायत भरगदा में कृषको ने पड़त (अनुपयोगी) भूमि पर आपसी सहमति से मनरेगा योजनांतर्गत शासकीय तालाब निर्माण कराने हेतु ग्राम पंचायत में आवेदन प्रस्तुत किया था जिसके फलस्वरूप तालाब निर्माण का कार्य गुलियाबाई/ननकीराम के खेत के पास 9 लाख 70 हजार रूपए की लागत से स्वीकृत कर 14 जनवरी से कार्य प्रारंभ किया गया था, कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान शासन से प्राप्त निर्देशानुसार 20 अप्रेल से मनरेगा के कार्य पुन: प्रारंभ कर ग्रामीणजनो को उन्हीं के गांव में मनरेगा अंतर्गत मजदूरी उपलब्ध कराई गई तथा ग्रामीणजनो द्वारा मनरेगा में की गई मजदूरी के फलस्वरूप निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है।
तालाब के पाल की कुल लंबाई 90 मीटर, उंचाई अधिकतम 6 मीटर है, इसकी जल भराव क्षमता लगभग 44200 घन मीटर है। इस तालाब से कृषक हजारी, ननकीराम, टीकाराम, सुरेश, हीरालाल, जगदीश, गेंदालाल, गुलियाबाई आदि की कुल लगभग 30 एकड़ भूमि लाभान्वित होगी, साथ ही भूमिगत जल भराव हेतु भी उपरोक्त तालाब उपयोगी होगा। मनरेगा से ऐसे ही तालाब सिलवानी, डांडीवाड़ा, सहेली, चौकीपुरा में भी किसानो की आपसी सहमति से पड़त भूमि पर लगभग बनकर तैयार होने की स्थिति में है।
होशंगाबाद कलेक्टर धनंजय सिंह द्वारा भी तालाब निर्माण कार्यो का मौके पर जाकर निरीक्षण किया और उन्होंने किसानो से चर्चा की तथा जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि हितग्राही मूलक निर्माण कार्यो से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले यह सुनिश्चित करे।