खेती-किसानी के काम में कितनी मेहनत होती है, ये एक किसान ही अच्छी तरह से समझ सकता है। लेकिन यदि उसका मूल्य ही उसे उचित ना मिले तो कितना परेशानी होगी, इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है। खेती की तरह ही फलों, सब्जियों, दूध या अन्य उत्पादों की बात करें, तो इनमें भी इतनी ही मेहनत होती है, लेकिन यदि दाम वाजिब नाम मिले, तो चिंता तो होगी ही। प्राय: देखा जाता है कि किसी एक राज्य में यदि किसी फल या सब्जी का ज्यादा उत्पादन हो और उसका बाजार ना मिले तो प्राय: ये या तो नष्ट हो जाती है या फिर औने-पौने दाम में बेच दी जाती है। तो ही स्थितियों में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब किसान रेल से किसानों को अपने उत्पाद का वाजिब दाम मिल सकेगा और फल, सब्जी, दूध या दूसरी अन्य प्रकार की खाद्य सामग्री जहां बाजार हो वहां तुरंत ही पहुंच जाएगी। इससे पहले परिवहन की व्यवस्था मजबूत ना होने के चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार की योजना इसी तरह की और ट्रेन चलाने की है। किसान इसके लिए पहले से बुकिंग करा सकेंगे।
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार से ही सुपर फास्ट गति से चलने वाली किसान रेल शुरू की गई है। यह ट्रेन सप्ताह में दो बार शुक्रवार और सोमवार को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक और वापसी में बिहार से महाराष्ट्र तक चल रही है। पूरी तरह से यात्रियों रहित किसानों के लिए चलने वाली इस ट्रेन में फल-सब्जियां, मछली-मांस, दूध और जल्द खराब होने वाली खाद्द सामग्री की ढुलाई की जाएगी। कृषि कल्याण मंत्रालय के मुताबिक इस रेल के चलने से किसानों की राह आसान होगी और उनकी उपज नष्ट होने से बचेगी एवं उन्हें सही कीमत मिल सकेगी। चार राज्यों से होकर गुजरने वाली ट्रेन बिहार, मध्य प्रदेश , यूपी और महाराष्ट्र जाएगी। जहां इसका पहला पड़ाव नासिक रोड इसके बाद मनमांड, भुस्सावल, बुहानपुर, खंडवा इटारसी, जबलपुर, सतना, माणिकपुर, प्रयागराज चौकी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और बक्सर स्टेशनों से होते हुए अपने गंतव्य पर पहुंचेगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन के संचालन को एतिहासिक करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह रेल खेती करने वाली आय को दोगुना करने में न केवल मदद करेगी बल्कि इसकी मदद से खाद्द पदार्थों की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।