खेती में उन्नत तकनीक अपनाने और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने जैसी राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों की वजह से पिछले एक वर्ष में कृषि कार्य में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। मशीनों के उपयोग के चलते फसलों की बुवाई, रोपाई, सिंचाई और कटाई की लागत में न केवल कमी आई है, बल्कि मशीनीकरण से कृषि कार्य आसान हुआ है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में किसानों के लिए कृषि यंत्र एवं सिंचाई उपकरणों पर अनुदान की ऑनलाइन डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर व्यवस्था के तहत ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्रों के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि अभियांत्रिकी के संभागीय यंत्री एसके चौरसिया ने बताया कि जबलपुर संभाग में पिछले एक वर्ष में किसानों को 923 कृषि यंत्रों की खरीदी पर 6 करोड़ 87 लाख 16 हजार 701 रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। श्री चौरसिया ने बताया कि आलोच्य अवधि में सिवनी जिले के किसानों को 234 कृषि यंत्रों के लिए एक करोड़ 66 लाख 46 हजार 565 रुपये की अनुदान राशि मुहैय्या कराई गई। जबकि नरसिंहपुर जिले में 187 कृषि यंत्रों के लिए एक करोड़ 31 लाख 72 हजार 699 रुपये, बालाघाट जिले में 150 कृषि यंत्रों के लिए एक करोड़ 58 लाख 47 हजार 316 रुपये का अनुदान, छिंदवाड़ा जिले में 111 कृषि यंत्रों के लिए 81 लाख 93 हजार 443 रुपये का अनुदान और मंडला जिले में 75 कृषि यंत्रों के लिए 36 लाख 4 हजार 500 रुपये का अनुदान, डिंडौरी जिले में 46 कृषि यंत्रों के लिए 30 लाख 19 हजार 825 रुपये का अनुदान किसानों को प्रदान किया गया। वहीं कटनी जिले में 46 कृषि यंत्रों के लिए किसानों को 29 लाख 39 हजार 643 रुपये और जबलपुर जिले में 74 कृषि यंत्रों के लिए 52 लाख 92 हजार 710 रुपये की अनुदान सहायता प्रदान की गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र जबलपुर की प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रश्मि शुक्ला कहती हैं कि खेतों की जुताई के लिए पशुओं के बदले मशीन यानी ट्रेक्टर का इस्तेमाल तो दशकों से हो रहा है, लेकिन इधर कुछ वर्षों में फसलों की कटाई, बुवाई समेत अन्य कृषि कार्यों में मशीनरी का व्यापक स्तर पर उपयोग काफी बढ़ गया है। मशीनीकरण की वजह से किसानों को खेती के कार्यों में आसानी हुई है।