औषधीय एवं सुगंधित फसलों को बढ़ावा देने की योजना
राज्य शासन द्वारा प्रदेश में औषधीय एवं सुगंधित फसलों के विस्तार के लिए वित्तीय वर्ष 2012-13 से हितग्राही कृषकों को उन्नत औषधीय एवं सुगंधित फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान की योजना संचालित की गई है। इस योजना के तहत फसल लागत पर निर्धारित मापदण्ड अनुसार 20 से 75 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत ऑवला, अर्जुन, अश्वगंधा, कालमेघ, मिंट, सफेद मुसली, सतावर, सिट्रोनेला, तुलसी आदि पर जहॉं 20 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है, वहीं अशोक, बेल, कलिहारी, सर्पगंधा, मुलेठी पर 50 प्रतिशत तथा गुग्गल पर 75 प्रतिशत तक की अनुदान का प्रावधान किया गया है।
कलेक्टर श्री सी.बी. सिंह ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य गुणवत्तायुक्त अधिक उपज देने वाली, अल्प अवधि वाली औषधीय एवं सुगंधित प्रजातियो के क्षेत्र का विस्तार कर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके, वहीं कृषकों को परम्परागत कम आय देने वाली खाद्यान्न फसलों के स्थान पर अधिक आय देने वाली औषधीय एवं सुगंधित फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना भी है। योजना के तहत कृषक को स्वेच्छा से क्षेत्र के अनुकूल औषधीय एवं सुगंधित फसलों को लगाने हेतु अधिकतम 02 हेक्टेयर तक लाभ देने का प्रावधान होगा, जिसकी न्यूनतम सीमा 0.25 हेक्टेयर होगी। योजनान्तर्गत निर्धारित सीमा में औषधीय एवं सुगंधितफसल की खेती पर अनुदान पात्रता अनुसार देय होगा। यह योजना पूर्णतः क्लस्टर आधारित होगी। योजना का लाभ उन्हीं कृषकों को दिया जाएगा, जिन्होने योजनान्तर्गत ली जा रही फसल के लिए अन्य संस्थानों से कोई अनुदान प्राप्त नही किया हो।
योजना का लाभ ’’पहले आओ, पहले पाओं’ के सिद्वान्त पर दिया जाएगा। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ हीएक कृषक को एक बार ही दिया जाएगा तथा पूनः लाभ 05 वर्ष बाद देय होगा। कृषक को निर्धारित समय सीमा में आवेदन उद्यान अधीक्षक को प्रस्तुत करना होगे तथा विभागीय निर्देशानुसार कार्य सम्पादित करना होगे। आवश्यकता पड़ने पर फसल एवं दस्तावेज का अवलोकन कराना होगा।
योजना के तहत कृषक को स्वेच्छा से क्षेत्र के अनुकूल औषधीय एवं सुगंधित फसल के क्षेत्र विस्तार हेतु फसलवार 20 से 75 प्रतिषत तक का अनुदान देये है। प्रत्येक कृषक को योजनान्तर्गत हेतु 0.25 हेक्टर से 22 हेक्टर तक लाभ देने का प्रावधान है। फसलवार अनुदान विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. फसल का नाम लागत मानदण्ड प्रति हे.(रुपयों में) अनुदान पात्रता
(प्रतिषत में) अनुदान राषि
(रुपये में)
1 आवंला 65000 20% 13000
2 अष्वगंधा 25000 20% 5000
3 बेल 40000 50% 20000
4 कोलियस 43000 20% 8600
5 गुडमार 25000 20% 5000
6 कालमेघ 25000 20% 5000
7 सफेद मुसली 312500 20% 62500
8 सर्पगंधा 62500 50% 31250
9 शतावर 62500 20% 12500
10 तुलसी 30000 20% 6000
website – http://www.dprmp.org/Default.aspx