लहसुन और प्याज का भंडारण
लहसुन और प्याज का भंडारण

लहसुन और प्याज दो ऐसी फसलें हैं, जिनका भंडारण सही तरीके से किया जा सके तो ये लंबे समय तक सुरक्षित रह सकते हैं। इसके विपरीत यदि भंडारण में कुछ गलती हुई तो ये दोनों फसलें जल्द ही खराब हो जाती हैं। तो आइए आज हम बताते हैं, इनके भंडारण के बारे में…

कंदों को पौधे सहित उखाड़ें
लहसुन और प्याज के भंडारण के लिए ये जरूरी है कि आप पौधों को कंदों सहित ही उखाड़ें। इसके बाद सावधानी से इनका बंडल बनाकर कम से कम 5 दिन तक धूप में सुखाएं।

15 दिन तक छाया में रखें
दूसरे चरण में पत्तियां जब पूरी तरह सूख जाएं तो उन्हें इस प्रकार काटा जाए ताकि 3 सेमी के आसपास डंडियां बची रहे। फिर इन कंदों को 15 दिन तक छाया में ही रखकर सुखाएं। याद रखें लहसुन को छाया में सुखाने के बाद यदि आवश्यकता हो तो उसकी पत्तियां काटी जा सकती, लेकिन यदि इसकी जरूरत ना हो तो लहसुन को पत्तियों सहित भण्डारण करना चाहिए।

समय-समय पर देखते रहें
भंडारण करने के बाद कंदों को भूल ना जाएं। समय-समय पर इसकी निगरानी करते रहें। खासकर मानसून के मौसम में, जब वातावरण में नमी बढ़ जाती है। इसका विशेष ध्यान रखें।

खराब कंदों को अलग ही कर दें
लहसुन और प्याज की यदि कुछ कंदे खराब होने लगी है, तो इसे अलग ही कर देना चाहिए। अन्यथा ये दूसरी कंदों को भी खराब कर देती हैं।

साइज के अनुसार अलग-अलग करें भंडारण
प्याज और लहसुन के कंदों को उसके आकार के अनुसार संग्रहित करना चाहिए। फिर इसका भंडारण करें। एक साथ सभी आकार के कंदों को भंडारित कर देने से दिक्कत हो सकती है।

तापमान का रखें खास ध्यान
भण्डार गृहों (वेयरहाउस) का तापमान 25-30 डिग्री सेन्टीग्रेड तथा आद्र्रता 65-70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए।