gulab ki kheti
gulab ki kheti

फूलों की बात हो तो सबसे पहला नाम गुलाब का ही आता है। और हो भी क्यों ना, प्रकृति ने इसे इतना खूबसूरत और मनमोहक बनाया है कि क्या कहने। देखते ही लोग इसे पसंद करने लगते हैं। गुलाब की खेती छोटे से लेकर बड़े पैमाने तक में की जा सकती है। आजकल लोग घरों में गमले में गुलाब लगाने लगे हैं। एक साथ कई तरह के गुलाब लगाते हैं। इससे घरों की खूबसूरती बढ़ जाती है। लेकिन यदि आप इसकी खेती बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं तो इसके कई फायदे आपको मिलेंगे। तो चलिए आज बात करते हैं गुलाब की खेती के बारे में-
जलवायु
गुलाब मुख्यत: सर्दियों का फूल माना जाता है। लेकिन आजकल इसकी कई किस्में सालभर आपको मिल जाएगी। लेकिन सर्दियों में जो आकर्षण रहता है, वैसा अन्य मौसम में नहीं मिलता। सर्दियों के दिनों में उत्तर और दक्षिण भारत के मैदानी तथा पहाड़ी क्षेत्रों में गुलाब की खेती की जाती है। वैसे गुलाब के लिए तापमान करीब 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट और रात का तापमान 12 से 14 डिग्री सेंटीग्रेट को सबसे अच्छा माना गया है। लेकिन ध्यान रखें तापमान का उतार-चढ़ाव दोनों गुलाब के लिए नुकसानदेय है।
मिट्टी
वैसे तो गुलाब के लिए कोई खास प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन फिर भी ह्यूमस से परिपूर्ण दोमट, बलुआर दोमट या मटियार दोमट उपयुक्त मानी जाती है। लेकिन पौधों के विकास के लिए पानी निकासी की व्यवस्था उपयुक्त होने का साथ-साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि छायादार जगह में पौधे का विकास प्रभावित होता है।
किस्म के आधार पर खेत का चयन
वैसे तो गुलाब की खेती किसी भी मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन यदि आपको गुलाब की उन्नत किस्मों की खेती करनी है तो इसके लिए भूमि का चयन खास मायने रखता है। क्योंकि गुलाब की अलग-अलग किस्में आती हैं और किस्मों के आधार पर ही खेत का चयन काफी महत्वपूर्ण है।
पौधे की तैयारी
गुलाब के पौधे मुख्यत कलम से तैयार किए जाते हैं। इसके लिए टी-बडिंग विधि का प्रयोग किया जाता है। जंगली गुलाब के कलम जून या जुलाई में इसी विधि से लगाए जाते हैं। कलम लग जाने के बाद इन्हें 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। अगस्त महीने तक ये पौधे रोपने के लिए तैयार हो जाते हैं।
सिंचाई
गुलाब के पौधों को नमी की आवश्यकता होती है। अत: पौधे को खेतों में लगाकर तुरंत उसकी सिंचाई भी करनी चाहिए। साथ ही नई कलम में नमी देने के लिए सिंचाई करते रहे। सर्दियों में सप्ताहभर में तो गर्मियों में 3-4 दिनों के अंतराल में लगातार सिंचाई करते रहे।
फायदा
गुलाब की खेती से काफी मुनाफा होता है। क्योंकि इसके पौधे चार महीने में ही फूल देने लायक तैयार हो जाते हैं। और एक एकड़ करीब 40-45 किलो तक फूल मिल जाते हैं। जो काफी अच्छे दामों पर बाजार में मिलते हैं। अनुमान है कि गुलाब की एक एकड़ फसल सालभर में करीब 250 से 300 क्विंटल फूल देती है, जिसका बाजार में विक्रय कर लाखों की आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
निंदाई
गुलाब के पौधों को निंदाई-गुड़ाई की काफी आवश्यकता होती है। ध्यान रखें कि नवंबर के बाद निंदाई करना बहुत जरूरी है। क्योंकि इसी दौरान कलम में शाखाएं सबसे ज्यादा बनती हैं। ध्यान रखें कि पौधों को बार-बार पानी ना दें, क्योंकि इससे जमीन कठोर हो जाती है और हवा जड़ों तक नहीं पहुंच पाती। इसलिए समय-समय पर पानी देते रहें।
कटाई
जब गुलाब के फूलों में पंखुडिय़ां पर्याप्त आ जाए तो इसकी कटाई कर दें।