ग्राम हर्रई निवासी संतोष शर्मा
ग्राम हर्रई निवासी संतोष शर्मा

बरगी नहर के अंतर्गत हर्रई नहर संथा के अध्यक्ष संतोष शर्मा व ग्राम दुधवारा के  गिरधारीलाल वर्मा ने लगभग 10 साल पहले पौधे रोपने और उनका संरक्षण करने का अभियान शुरू किया। वे कहते हैं कि प्रकृति ही जीवन का आधार है। हमारे जीवन में पेड़ों के संरक्षण का बहुत महत्व है। इसे जानते हुए हमने पौधे रोपकर उनके संरक्षण का बीड़ा उठाया। हमारे इस काम में पहले युवा साथ में सहयोगी बने और अब ग्रामीण भी इसका महत्व समझकर अपना योगदान दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पहले नहर के आसपास और गांव के आसपास की शासकीय भूमि पर पौधरोपण की शुरूआत की गई। श्री वर्मा ने अपने खलिहान में आम के दो पेड़ लगाकर इसकी शुरूआत की। इसके बाद अंजीर, आम, नीबू, जामुन, आंवला, बादाम, बरगद, पीपल, खमेर, कदम, गुलमोहर, मुनगा, शीशम, अनार, अमरूद, नीम, महुआ, मीठी नीम और विभिन्न प्रकार के फूलों के और औषधीय महत्व के पौधे रोपित किये। उन्होंने अपने सरपंच के कार्यकाल में लगभग एक हजार पेड़ लगाये। अब गांव के लगभग प्रत्येक किसान के नलकूप के आसपास 4 से 6 पेड़ मौजूद हैं।

ग्राम हर्रई निवासी संतोष शर्मा बीते 6 साल से लगातार पौधरोपण कर रहे हैं। वे नहर के दोनों तरफ छोड़े जाने वाले अतिरिक्त हिस्से पर आम, जामुन, कंजई, शीशम, पीपल, खमेर, गुलमोहर के पेड़ लगाते हैं। इस काम में ग्राम के युवाओं का भी सहयोग मिलता है। स्थिति यह है कि अब सभी मिलकर हर साल एक हजार पौधे रोपते हैं। इस कार्य में श्री पंकज, श्री पवन, डॉ. जगदीश, श्री विवेक वर्मा, श्री शरद, श्री सौरभ, श्री जितेन्द्र हमेशा सहयोग करते हैं। श्री संतोष वर्मा कहते हैं कि मवेशियों की वजह से 30 से 40 प्रतिशत पौधे ही पेड़ के रूप में तैयार हो पाते थे। इस मामले में सुधार किया गया और कंजई, नीम, खमेर आदि के पौधे लगाना शुरू किया, जिन्हें जानवर नहीं खाते।

ग्राम दुधवारा के गरधारीलाल वर्मा कई सालों से लगातार पौधरोपण कर रहे हैं। पौधों की उपलब्धता के लिए उन्होंने स्वयं पौधों की रोपणी तैयार करने का बीड़ा उठाया। शुरूआत में अकेले ही काम में जुटे रहे और अब गांव के लोगों की मदद से तालाब, सड़क, श्मशान, स्कूल और उपयुक्त स्थानों पर पौधे रोपकर उनका संरक्षण करते हैं। पौधा जब तक वृक्ष का रूप नहीं लेता तब तक उसकी देखभाल की जाती है। श्री वर्मा सभी मित्रों और रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में पेड़ लगवाते हैं और उपहार स्वरूप पेड़ भी देते हैं।