फसल बीमा
फसल बीमा

किसानों के लिए वैसे तो फसल बीमा अनिवार्य है, लेकिन अब किसानों के लिए बड़ी खबर भी आ रही है कि फसल बीमा की अनिवार्यता के बीच अब किसान अपनी मर्जी से फसल बीमा ले सकेंगे। लेकिन फसल का बीमा न लेने वाले किसानों को 24 जुलाई तक बैंक शाखा में लिखित रुप से इस आशय की सूचना देनी होगी। ताकि उनके खाते से फसल बीमा का प्रीमियम न काटा जाए।

आपको बता दें कि सरकार ने किसानों की फसल की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। साथ ही केसीसी लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा जरूरी कर दिया गया था। केसीसी लेने के बाद किसान के खाते से स्वत: ही प्रीमियम की राशि कट जाती थी। किसान पिछले काफी समय से उनकी इच्छा के अनुसार फसल का बीमा कराने की मांग कर रहे थे। इस मांग को देखते हुए शासन ने फसल बीमा किसान की मर्जी के आधार पर करने के निर्देश दिए है।

वैसे आपको बता दें कि फसल बीमा के उद्देश्यों में प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना। कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना। किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना शामिल है।

इसके तहत अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगानेवाले पट्टेदार/ जोतदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिए पात्र हैं। गैर ऋणी किसानों को राज्य में प्रचलित के भूमि रिकार्ड अधिकार (आरओआर), भूमि कब्जा प्रमाण पत्र (एल पी सी) आदि आवश्यक दस्तावेजी प्रस्तुत करना आवश्यक हैं। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अनुमति अधिसूचित लागू अनुबंध, समझौते के विवरण आदि अन्य संबंधित दस्तावेजों भी आवश्यक हैं।