कोरोना संकट के चलते इन दिनों पूरे देश में ऐहतियातन सख्ती बरती जा रही है। इसका असर प्राय: हर क्षेत्रों में देखा जा रहा है, लेकिन उत्तरप्रदेश के मेरठ में फूल कारोबारी खासे परेशान हैं। क्योंकि कोरोना संकट के चलते श्रावण के महीने में भी फूलों का व्यापार ठप्प पड़ा है। बताया जा रहा है, इसके पीछे एकमात्र कारण मंदिर तो खुल रहे हैं, लेकिन भक्तों के लिए। लिहाजा, फूलों का कारोबार बिल्कुल मंदी पर है। इसके साथ ही फूलों के बाजार से इस वर्ष देसी और विदेशी गुलाब बिल्कुल ही गायब हैं।

वहीं पूजन सामग्री की दुकानें हफ्ते में तीन दिन खुलती हैं। मंडी में डिमांड न होने के कारण दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों से माल नहीं आ रहा है। शहर में चार से पांच व्यापारी ही मेरठ के किसानों से गेंदा और कनेर खरीदकर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में आम दिनों के मुकाबले दाम भी दोगुने हो गए हैं। घरों के लिए चुनिंदा लोग ही पुष्प खरीदकर ले जा रहे हैं। भगवान को अर्पित करने के लिए मंदिर समितियों को प्रचुर मात्रा में पुष्प भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। भगवान शिव का श्रृंगार भी गुलाब के स्थान पर अब गेंदा और कनेर से किया जा रहा है।

आपको बता दें कि इन दिनों उत्तरप्रदेश सहित देश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसलिए पूरे देश में खास सतर्कता बरती जा रही है। संक्रमण को देखते हुए लोगों को भीड़ वाली जगहों पर जाने से भी रोका जा रहा है, इसलिए श्रावण मास भी मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गई है, लेकिन कई जगह पर भक्तों को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते फूलों का कारोबार मंदी के दौर से गुजर रहा है।