वैसे तो फसलों को लेकर हर तरह के प्रयोग किए जाते हैं। समय-समय पर जब उत्पादन घटने लगता है तो किसान कुछ नया प्रयोग कर उसे नियंत्रित कर लेते हैं। इसके बाद भी जब मुनाफा की गुंजाइश नहीं बचती तो किसान अन्य फसलों की खेती की ओर मुड़ जाते हैं। इसी कड़ी में अब उत्तरप्रदेश के किसान भी औषधीय खेती की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि मुनाफा ज्यादा से ज्यादा हो सके।

खासकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब समय के साथ-साथ खेती का तरीका बदलता जा रहा है। यहां के किसान अब परम्परागत फसलों से औषधीय पौधों जैसे तुलसी की खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके लिए उन्हें अनुदान भी मिल रहा है। यहां किसान बड़े पैमाने पर हो रही फूलों की खेती के साथ किसान औषधीय पौधों को भी उगा रहे हैं। मुरादाबाद जनपद के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में किसान तुलसी के पौधे उगा रहे हैं, जो किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं।

वैसे आपको बता दें कि तुलसी के औषधीय गुणों के चलते इसके बीज और तेल की बाजार में खूब डिमांड है और इसकी फसल को कीटों से ज्यादा नुकसान भी नहीं पहुंचता। इसके साथ ही पश्चिमी यूपी की उपजाऊ मिट्टी में इसकी पैदावार भी ज्यादा हो रही है।

वैसे औषधीय फसलों की आज ज्यादा से ज्यादा मांग होती जा रही है। इसलिए किसानों का इस ओर उत्साहित होना जायज है। फसलों की मांग और उत्पादन में मुनाफा ज्यादा हो तो बड़ी संख्या में इसकी खेती भी होने लगती है। और तुलसी जैसी फसलों की खेती से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं, इसलिए इसकी ओर किसान मुडऩे लगे हैं।