उत्तरप्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2020 से शुरू होगी। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं 30 अगस्त तक प्रशासन को धान खरीदी केंद्रों का निर्धारण करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य शासन के आदेश के बाद पीलीभीत में जनपद में धान खरीद की तैयारियां शुरू कर दी गई। एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल सिंह को इसका प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया। साथ ही किसानों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई।
बताया जा रहा है कि सरकारी केंद्रों पर धान खरीदी के लिए किसान डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एफसीएस डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट इन अपना पंजीयन करा सकते हैं। यदि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत हुई तो वे साइबर कैफे या जनसुविधा केंद्रों के माध्यम से भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं। साथ ही साथ कहा गया है कि जिन किसानों ने गत वर्ष अपना पंजीकरण कराया है, उन्हें दोबारा पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है।
आपको बता दें कि हमारे देश में धान की हजारों तरह की प्रजातियों की खेती की जाती है। यानी देश के प्राय: हर राज्य में अलग-अलग प्रकार की धान की खेती की जाती है। लेकिन उत्तरप्रदेश में उगाई जाने वाली बासमती धान के क्या कहने। यहां की बासमती देश में अपनी खुशबू के लिए तो मशहूर है ही, लेकिन इस बासमती चावल के विदेशी में दीवाने हैं, तभी तो यहां के बासमती चावल का निर्यात सऊदी अरब, ईराक, ईरान, दुबई, संयुक्त अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, जापान, कोरिया, कनाड़ा, नाइजीरिया आदि देशों में किया जाता है।  अच्छी बारिश के चलते इसके पौध की रोपाई तेजी से शुरू हो गई है। पुरवा तहसील क्षेत्र के निदाखेड़ा, रामापुर, अमरापुर, चमियानी, धिरजीखेड़ा, कुशलखेड़ा, विशुनपुर, टीकरखुर्द, चंदीगढ़ी व बीघापुर तहसील क्षेत्र के त्रिपुरारपुर, रम्माखेड़ा, पूरनदासखेड़ा, बेवलमंशाखेड़ा, कोदइयाखेड़ा समेत अन्य गांवों के किसान बासमती देहरादून धान की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। पिछले सीजन में जहां 11270 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बासमती धान बोया गया था। इस बार रकबा बढ़ाकर 12793 हेक्टेयर हो गया है। किसानों का कहना है कि अच्छी बारिश हुई बंपर पैदावार हो सकती है।