डिंडौरी जिले में आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद से किसान सुखीराम निवासी ग्राम बरसोद जनपद पंचायत बजाग को एक उन्नत कृषि यंत्र मिलने से उसके जीवन में बदलाव आ गया है। पहले वह परंपरागत पद्धति से खेती करता था। कृषि यंत्र मिलने से वह उन्नत कृषि तकनीकी को अपनाया है। उसने बताया कि उसके पास सिंचाई का कोई साधन नहीं था। वह वर्षा पर आधारित परंपरागत पद्धति खेती पर निर्भर था। खेतों में सिंचाई नहीं होने और पानी की कमी से फसलों की पैदावार बहुत कम होती थी। उसे प्रतिवर्ष 15 क्विंटल धान ही मिल पाता था। उसने बताया कि वह सिंचाई के लिए एक उन्नत कृषि यंत्र खरीदना चाहता था, लेकिन उसके पास इतने रूपए-पैसे नहीं थे कि वह उन्नत कृषि यंत्र खरीद सके। वह इस कारण हताष और परेशान रहने लगा था। उसने बताया कि एक दिन ग्राम पंचायत सचिव से खबर मिली कि उसे आदिवासी उपयोजना विशेष केंद्रीय सहायता मद से सिंचाई के लिए एक उन्नत कृषि यंत्र प्रदान किया जायेगा। यह खबर सुनकर वह बहुत प्रसन्न हुआ। उसने सोचा कि उन्नत कृषि यंत्र मिलने से वह अपने खेतों में सिंचाई करेगा। खेतों में सिंचाई नहीं होने से फसल की कम पैदवार होने की समस्या समाप्त हो जायेगी। उसने बताया कि उसे एक दिन आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद से एक उन्नत कृषि यंत्र प्रदान किया गया। सुखीराम को उन्नत कृषि यंत्र मिलने से वह अब खेतों में सिंचाई कर रहा है। उसके खेतों में फसलों की पैदावार बढ गई है। उसने बताया कि वह अब प्रतिवर्ष 25 क्विंटल धान उगा रहा है। आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद से उन्नत कृषि यंत्र मिलने पर उसके खेतों में फसलों की पैदावार बढी है। जिससे अब सुखीराम के चेहरे में मुस्कान आ गई है।