बस्तर जिले के आदिवासी बाहुल्य दरभा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल के ग्राम चिंगपाल की महिला कृषक श्रीमती रामबती एक अत्यंत साधारण किसान से आत्मनिर्भर किसान बन गई है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि विभाग के किसान एवं जनहितैषी योजना किसान रामबती जैसे अनेक किसानों के उन्नत खेती का आधार बन गया है। इस तरह से कृषि विभाग के अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत उचित प्रशिक्षण एवं समय पर खाद, बीज, कीटनाशक दवाईयों तथा जरूरी उपकरणों की उपलब्धता के अलावा सिंचाई साधनों की व्यवस्था जैसे अनेक शासकीय मदद के फलस्वरूप आज बस्तर के वनांचल की महिलाएं घर की चार दिवारी से बाहर निकलकर उन्नत खेती किसाली की ओर बढ़ रहे हैं।
किसान श्रीमती रामबती ने अपने खेती किसानी में हुए अभूतपूर्व सुधार व प्रगति का श्रेय राज्य शासन के नकल्याणकारी योजनाओं को दी है। उन्होंने बताया कि आज से कुछ समय पहले वे अपने गांव चिंगपाल में अपने पैतृक भूमि पर करीब 15 वर्षो से परम्परागत खेती करते आ रहे थे। लेकिन परम्परागत एवं केवल वर्षा आधारित खेती करने के कारण कई बार समय पर वर्षा नहीं होने तथा कीट व्याधियों के प्रकोप से उसे बहुत ही कम उपज प्राप्त हो पाता था। जिसके के कारण खेती में लगने वाले लागत तथा मेहनत की तुलना में उसे बहुत ही कम आमदानी प्राप्त हो पाती थी। उन्होंने बताया कि इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके गांव में भ्रमण के लिए आए कृषि विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारियों से हुई। जिसके पश्चात कृषि विभाग के अधिकारी उसे विभाग के विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत उन्नत खाद, बीज एवं दवाई तथा उपकरण आदि प्रदान करने के अलवा तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण प्रदान कर रहें हैं। इसके अलवा अधिकारियों के द्वारा कतार बुआई तथा जैविक खेती आदि के संबंध में भी नियमित मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
किसान रामबती ने बताया कि आज से कुछ ही वर्ष पहले परम्परागत खेती से उसे 0.80 हेक्टेयर में धान का उत्पादन से केवल 7 हजार रूपए के राशि का लाभ प्राप्त होता था। लेकिन पिछले खरीफ वर्ष में उन्नत खेती-किसानी के तकनीक एवं शासकीय मदद से उन्हें 0.80 हेक्टेयर में धान की फसल से 10 हजार रूपए की आमदानी हुई। उसे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दलहन-तिलहन फसलों के उत्पादन के प्रक्रिया का भी ज्ञान हुआ। जिसके फलस्वरूप उन्होंने पिछले खरीफ वर्ष में 0.60 हेक्टेयर में 11.2 क्विंटल तिल के फसल का उत्पादन कर 19 हजार 750 रूपए का शुद्ध आए प्राप्त किया है। इस तरह से श्रीमती रामबती पिछले खरीफ वर्ष में खेती-किसानी से कुल 30 हजार 500 रूपए की आमदानी प्राप्त की है। उनके अलावा उन्हें कृषि विभाग के नि:शुल्क प्रमाणित बीज, मिनीकीट एवं आत्मा योजनान्तर्गत प्रशिक्षण व भ्रमण कार्यक्रम में सम्मिलित भी किया गया। उन्होंने बताया कि उसके इस उपलब्धि को देखकर उनके आस-पास की महिलाएं भी कृषि विभाग के जनकल्याणरी योजनाओं का लाभ लेकर आधुनिक एवं उन्नत तरीके से खेती-किसानी कर रहे हैं।