रतलाम जिले में किसानों द्वारा हाईटेक एवं आधुनिक तरीकों से खेती करके सफलता के नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और समृद्धि की नई ऊंचाइयां हासिल की जा रही है। जिले के ग्राम कुशलगढ़ के विनोद पाटीदार भी ऐसे ही हाईटेक किसान हैं जिन्होंने परंपरागत खेती से हटकर नए प्रयोग करते हुए सफलता की मिसाल प्रस्तुत की है जिससे विनोद आर्थिक रूप से जहां समृद्ध हुए हैं वहीं अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बने हैं।
विनोद ने बताया कि वह पहले परंपरागत तरीकों से गेहूं चना प्याज लहसुन की खेती करते थे जिससे कभी-कभी लागत भी नहीं निकल पाती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कभी भी सुदृढ़ नहीं हो पाती थी, ऐसे में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के संपर्क में आए अधिकारियों ने ड्रिप लगाकर लहसुन की खेती का सुझाव दिया। विनोद ने सलाह मानी, ड्रिप विथ मल्चिंग खेती के तरीके से बेहतर उत्पादन मिला। इससे विनोद ने लहसुन फसल से 6 लाख रूपए से ज्यादा की कमाई की। लहसुन की आमदनी से विनोद ने वर्ष 2015-16 में 4000 स्क्वायर मीटर का पाली हाउस लगाया उससे साल भर में दो बार खीरे की फसल ले ली, 900 क्विंटल उत्पादन हुआ। खीरे से लगभग 7 लाख रूपए की आमदनी मिली। इसके बाद 2016-17 में बीएनआर किस्म का अमरूद लगाया अमरूद के उत्पादन में प्रति बीघा 1 लाख 10 हजार रूपए का खर्चा आया। पौधारोपण के 18 माह बाद प्रति पौधा 6 किलोग्राम से 8 किलोग्राम उत्पादन मिला जो न्यूनतम 60 रूपए प्रति किलोग्राम तथा अधिकतम 90 रूपए प्रति किलोग्राम के भाव से बाजार में बिका, इससे विनोद को 17 लाख रूपए की आमदनी प्राप्त हुई उनके द्वारा जो खर्च किया गया था वह पहले ही वर्ष में प्राप्त हो गया।
दूसरे साल 2019 20 में प्रति पौधा 25 किलोग्राम से 30 किलोग्राम अमरूद का उत्पादन मिला जो बाजार में न्यूनतम 55 रूपए तथा अधिकतम 100 रूपए प्रति किलोग्राम के भाव से बिका, इससे विनोद को 65 लाख रुपैया की आमदनी हुई। अब विनोद परंपरागत खेती से हटकर पूर्ण रूप से अमरूद पाली हाउस में खीरा, लहसुन, प्याज आदि खेती करते हैं आधुनिक तरीके अपनाते हैं जिससे उनको समस्त खर्चों को काटकर भी लाखों रुपए प्रति वर्ष आमदनी हो रही है। विनोद उचित मार्गदर्शन के लिए शासन के उद्यानिकी विभाग को धन्यवाद देते हैं साथ ही यह संदेश भी देते हैं कि मेहनत के साथ साथ पूर्ण वैज्ञानिक एवं सही तरीके से समयबद्ध कार्यक्रम के साथ खेती की जाए तो सदैव मुनाफा देती है।