मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य शासन द्वारा लाख उत्पादक कृषकों के हित में अहम् निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिल गया है। राज्य शासन के इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत कुसुम, पलाश, बेर आदि वृक्षों तथा सेमियालता आदि फसलों पर लाख उत्पादन तथा प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए कृषकों अथवा कृषक समूहों को कृषि फसलों के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण निर्धारित ऋणमान पर प्रदान किया जाएगा। इसमें लाख उत्पादक तथा प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए कृषक अथवा कृषक समूहों को कृषि फसलों के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण पर नियमानुसार ब्याज अनुदान देय होगा। इस आशय का आदेश विगत दिवस 18 जनवरी 2021 को मंत्रालय महानदी भवन कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से छत्तीसगढ़ में लगभग 50 हजार किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। वर्तमान में राज्य में 4500 टन लाख का उत्पादन होता है। राज्य में बड़े पैमाने पर आदिवासी तथा वनवासी कृषक इसकी खेती में लगे हुए है और यहां लाख की खेती की अच्छी संभावनाएं भी है। राज्य सरकार के इस निर्णय के तहत किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण जैसी सुविधा के मिलने से लाख की खेती तथा इसके उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य में लाख का उत्पादन बढ़कर 10 हजार टन तक हो जाएगा।