किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने एवं उन्हें दलालो व बिचौलियों के शोषण से बचाने के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के व्यापक इंतजाम किये जा रहे है। बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कुल 198 केन्द्र बनाये जा रहे है। इन केन्द्रों पर 29 नवंबर 2021 से 15 जनवरी 2022 तक पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जायेगी। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने जिले के किसानों से अपील की है कि वे अपने पंजीयन में दिये गये बैंक खाते को अपने आधार नंबर से लिंक करा लें। शासन के निर्देशों के अनुसार धान का भुगतान उन्हें बैंक खाते में किया जायेगा, जो किसान के आधार नंबर से लिंक होंगें।
जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल ने बताया कि प्रदेश में आगामी 29 नवंबर 2021 से पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जायेगी। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2022 रखी गई है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 29 नवंबर 2021 से 15 जनवरी 2022 तक सप्ताह में 05 दिन सोमवार से शुक्रवार प्रात: 08 से शाम 07 बजे तक की जायेगी और कृषक तौल पर्ची शाम 06 बजे तक जारी की जायेगी। किसानों से धान समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जायेगा।
शासन के निर्देशों के अनुसार इस बार समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का भुगतान किसान के उन्हीं बैंक खाते में जमा होगा, जो उनके आधार नंबर से लिंक होगा। जिन किसानों का बैंक खाता उनके आधार नंबर से लिंक नहीं होगा, उनके खाते में धान का भुगतान जमा नहीं होगा। अत: किसान असुविधा से बचने के लिए धान खरीदी के पंजीयन के समय दिये गये बैंक खाते को अपने आधार नंबर से शीघ्र लिंक करा लें। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों द्वारा दिये गये मोबाईल नंबर एवं आधार नंबर में दर्ज मोबाईल नंबर भिन्न होने के कारण ऐसे किसानों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। अत: ऐसे किसानों से कहा गया है कि उनके द्वारा धान पंजीयन के लिए दिये गये मोबाईल नंबर को नजदीक के आधार पंजीयन केन्द्र पर जाकर आधार नंबर में दर्ज करायें।
एफएक्यू मापदंड की धान ही खरीदी जायेगी
पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए एफएक्यू मापदंड का पालन किया जायेगा। जिसके अनुसार बिक्री के लिए लायी गई धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होना चाहिए, कार्बनिक पदार्थ 01 प्रतिशत, अकार्बनिक पदार्थ 01 प्रतिशत, क्षतिग्रस्त, बदरंग, अंकुरित एवं घुने दाने 05 प्रतिशत, अपरिपक्व, सिकुड़े, कुम्हलाये दाने 03 प्रतिशत, निम्न श्रेणी का मिश्रित धान 06 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। किसानों को इस मापदंड के अनुसार ही धान बिक्री के लिए लाने की सलाह दी गई है।