जिले के भैरमगढ़ निवासी किसान बीनू नाग शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होकर उन्नत खेती-किसानी कर अपने परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर कर चुके हैं। बीनू नाग कृषि विभाग की आत्मा योजना से प्रशिक्षण प्राप्त करने सहित कृषि अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों से निरंतर परामर्श लेकर आधुनिक तरीके से खेती-किसानी कर रहे हैं। करीब 10 एकड़ कृषि भूमि स्वामी बीनू नाग ने बताया कि वे शासन की सहायता से आपने खेत में नलकूप स्थापित करने सहित फेन्सिंग कराया है। करीब 3 एकड़ रकबा में साग-सब्जी उत्पादन करने के साथ ही मक्का और गेहूं फसल लेते हैं। साग-सब्जी में ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर पानी का समुचित दोहन कर रहे हैं। वहीं लगभग 6 एकड़ कृषि भूमि में स्वर्णा, 1001 और एचएमटी प्रजाति का धान श्रीविधि पद्धति से लगाते हैं। जिससे अच्छा उत्पादन मिलता है। उन्होने बताया कि बीते साल करीब 88 हजार रूपए का धान समर्थन मूल्य पर बेचा था। इस वर्ष भी 30 क्विंटल धान समर्थन मूल्य में विक्रय करेंगे। गत वर्ष साग-सब्जी का बेहतर उत्पादन होने के फलस्वरूप 62 हजार रूपए का साग-सब्जी स्थानीय बाजार में विक्रय किये थे। बीनू ने बताया कि घर-परिवार की जरूरत को ध्यान रखते हुए एक एकड़ रकबा में मूंग एवं उड़द की फसल लेते हैं। खेती-किसानी को अथक परिश्रम एवं लगन के साथ करने वाले बीनू नाग आत्मविश्वास भरे लहजे में कहते हैं कि खेती-किसानी में पूरा ध्यान रखकर इसे अच्छे ढंग से करने की प्रेरणा कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम से मिली है। जिसके फलस्वरूप प्रमाणित बीज का उपयोग, जैविक खाद सहित जैविक कीटनाशक का उपयोग, फसल प्रदर्शन ईत्यादि को विशेष ख्याल रखते हैं। वहीं इस दिशा में कृषि अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों से समसामयिक कृषि सलाह अवश्य लेते हैं। उन्होने बताया कि बीते वर्ष मक्का एवं मूंग विक्रय कर लगभग 40 हजार रूपए की आमदनी हुई। इसे ध्यान रखकर इस साल भी मक्का एवं मूंग लगाये हैं। वहीं अभी रबी में बैंगन, टमाटर, गोभी, भिंडी, करेला और मेथी-लालभाजी, धनियां आदि साग-सब्जी की फसल लिये हैं। बीनू नाग अपनी आधुनिक खेती-किसानी से क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गये हैं। वहीं शासन की योजनाओं से लाभान्वित होकर उन्नत खेती-किसानी से अपनी पत्नी प्रेमबत्ती, बेटा जलन्धर और बेटी डोमेश्वरी सहित 4 सदस्यीय परिवार के साथ खुशहाल जीवन-यापन कर रहे हैं। उन्होने अपने परिवार की बेहतरी के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए राज्य शासन को धन्यवाद दिया।
आत्मा योजना से मिला प्रशिक्षण तो आसान हुई उन्नत खेती की राह…
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